हिप्पोपोटामस; दरियाई घोड़ा (Hippopotamus)

हिप्पोपोटामस एक विचित्र विशालकाय स्तनधारी जानवर हैं, जो हाथी से कुछ छोटा होता है। यह 45 मीटर लम्बा, 15 मीटर ऊँचा ओर 26 टन से भी अधिक वजनी होता है। अधिकांशतः यह अफ्रीका के जंगलों और नदियो में पाया जाता है। यह एक ऐसा जानवर है, जो पानी में मछली की तरह रहता है और भूमि पर हाथी की तरह घूमता है। इसका शरीर बाल रहित, चिकना और बेलनाकार गोलमटोल होता है।

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दरियाई घोड़ा


इन्हें ‛दरियाई घोड़ा’ या ‛जलीय घोड़ा’ भी कहा जाता हैं। हाथी की भांति इनके चार छोटे-छोटे मजबूत पैर होते हैं, सिर बडा और बहुत भारी होता है। यह इस युग का सबसे विशालकाय जीवित जुगाली न करने वाले और खुरवाले जन्तु है।

हिप्पोपोटामस पूर्णतः शाकाहारी है, ये घास और जल के पौधे बहुत शौक से खाता है। इसका खुला हुआ मुँह गुफा की तरह दिखाई देता है। यह एक बार में 150-200 किग्रा तक भोजन खा जाता है।

यह शाकाहारी प्राणी नदियों एवं झीलों के किनारे तथा उनके मीठे जल में समूहों में रहना पसन्द करता है। ये दिन-भर पानी मे पड़े रहते है, केवल आँखे और नासाछिद्र (nostrils) पानी की सतह से ऊपर रहते है। ये रात को पानी से बाहर निकलते है और जंगलों मे भोजन की तलाश में घूमते रहते हैं। खेतों को जितना चरते नही उससे अधिक अपने भारी वजन के कारण रौंद कर नष्ट कर देते है। अफ्रीका में इसका शिकार किया जाता हैं, वहाँ के लोग इसका मॉस बहुत शौक से खाते हैं। एक हिप्पोपोटेमस पूरे गांव के लिए पर्याप्त होता है।

हिप्पोपोटामस विशालकाय होने के साथ-साथ शक्तिशाली और बहुत फुर्तीला भी होता हैं। यह स्थल पर 30.5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकता है। यह पानी की गहराई मे 10 मिनट तक रह सकता है। यह रभाता और गुर्राता भी है।

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जैसा पहले समझा जाता था, ये पसीने के रूप में खून नहीं निकालते हैं, बल्कि इनके पसीने में एक लाल रंग का बैक्टीरियारोधी सनस्क्रीन द्रव होता है।

मादा हिप्पोपोटामस एक बार में एक ही बच्चे को जन्म देती है, जिसे वह अपनी पीठ पर चढ़ाए पानी में तैरती रहती है।


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