ओपोसम (Opossum)


ओपोसम-(Opossum)-vigyansthal-hindi
ओपोसम (Opossum)
उत्तरी अमेरिका के जंगलों में कंगारू की भांति थैली में शिशु रखने वाले मरसुपियल्स (marsupials) वर्ग के जानवरों में केवल ओपोसम ही अभी तक बचा हुआ है।

ओपोसम का आकार बड़ी बिल्ली के बराबर होता है। चेहरा चूहें की भांति लंबा और नुकीला तथा दुम लम्बी हाती है। इसके शरीर पर नम बाल होते है।  यह रात्रिचर जानवर है।

यह विचित्र जानवर सुस्त और बिल्कुल ही मूर्ख होता है। जंगल के अन्य जानवरों के आक्रमण से अपनी रक्षा करना इसके बस की बात नही है। यह इतना बुद्धिहीन होता है कि शत्रु को सामने देखकर भागने की बात भी नहीं सोच सकता। जब कोई शत्रु सामने आ जाता है तो ओपोसम भय के कारण मूर्छित हो जाता है। उसका शरीर बिल्कुल मुर्दे की भांति अकड़ जाता है। जानवर उसे मुर्दा जानकर छोड़ देते है।

ऐसे सुस्त और बुद्धिहीन जानवर का जगत में जीवित रहना भी एक चमत्कार ही है। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि इसकी मादा बहुत अधिक शिशुओं को जन्म देती है, परिणाम यह होता है कि जितने मरते है, उससे ज्यादा पैदा हो जाते है।  एक ओपोसम मादा एक वर्ष मे तीन बार बच्चे देती है जिनकी संख्या 30 से 35 होती है।

नवजात शिशु का आकार हमारी छाटी उँगली के बराबर होता है। जब इनका जन्म होता है तो इनकी आँख बंद होती हैं। यह रेंग कर अपनी माता की वक्ष की थैली में पहुँच जाते है ओर वही छ या सात सप्ताह तक दूध पीते रहते है।

आँख खुलने के पश्चात शिशु बाहर निकलने पर भी इस काबिल नही होता कि स्वतंत्र रूप से चल फिर सके। ये अपनी पूँछ को अपनी मां की पूंछ के चारों ओर लपेट लेते है। मादा अपनी पूंछ उठाती है और उसे मोड कर पीठ पर पहुंचा देती है। शिशु उसकी पीठ पर पहुंच कर उल्टा लटका रहता है और मादा उनके लिए भोजन की तलाश घूमती रहती है।

ओपोसम सर्वभक्षी है जो भी मिल जाता है खा लेता हैं।

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